Pooja करते समय आँखों में आँसू आना – एक आध्यात्मिक संकेत या कुछ और?

Pooja करते समय आँखों में आँसू आना: क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है कि जब आप भगवान की पूजा करते हैं, तो आपकी आँखों से अपने आप आँसू बहने लगते हैं? आप न दुखी होते हैं, न कोई पीड़ा होती है – फिर भी आँखें भर आती हैं। यह कोई साधारण बात नहीं है। यह एक गहरा, पवित्र और आत्मिक अनुभव होता है।

 

आइए समझते हैं कि पूजा के दौरान आँसू क्यों आते हैं और इसका आध्यात्मिक अर्थ क्या है।

 

🌿 1. यह प्रेमाश्रु (भक्ति के आँसू) होते हैं

भारतीय धर्म-दर्शन में ऐसे आँसुओं को “प्रेमाश्रु” कहा गया है।

जब कोई भक्त सच्चे मन से ईश्वर का ध्यान करता है, तो उसके अंदर भक्ति का प्रवाह इतना प्रबल हो जाता है कि वह भावनाओं से भर जाता है। यह भावनाएं जब शब्दों में नहीं निकल पातीं, तो वे आँसू बनकर आँखों से बहती हैं।

👉 यह संकेत है कि आपकी आत्मा भगवान से जुड़ रही है।

 

🔱 2. आत्मा की पुकार और परमात्मा से मिलन

पूजा के समय आँसू आना यह भी दर्शाता है कि आपकी आत्मा परमात्मा की ओर खिंच रही है। यह एक आंतरिक शुद्धिकरण की प्रक्रिया है, जिसमें आपके अंदर के विकार बाहर निकल रहे होते हैं।

🙏 यह मिलन का क्षण होता है — जब आत्मा और परमात्मा एक हो रहे होते हैं।

 

🧘‍♀️ 3. ध्यान की गहराई और मानसिक शांति

जब आप पूजा या ध्यान करते हैं, और आपका मन धीरे-धीरे सभी worldly distractions से हटकर केवल ईश्वर में लीन हो जाता है — उस स्थिति को ध्यान की गहराई कहते हैं।

इस अवस्था में आँसू आना एक संकेत है कि आप बाहरी संसार से मुक्त होकर भीतर की यात्रा पर जा रहे हैं।

 

💓 4. दिल का भार हल्का होना

कभी-कभी हम दिनभर की चिंता, पीड़ा या मानसिक थकान को अपने भीतर दबा लेते हैं। पूजा के समय जब हम भगवान के सामने बैठते हैं, तो वह एक भावनात्मक स्पेस बन जाता है जहाँ हम खुद को खोल पाते हैं।

👉 आँसू आना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका मन हल्का हो रहा है, आपकी भावनाएं शुद्ध हो रही हैं।

 

🕉️ 5. पिछले जन्मों के कर्मों का प्रभाव?

कुछ आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा करते समय आँसू आना पिछले जन्मों के अधूरे कर्मों या अनुभवों का भी परिणाम हो सकता है।

जब आत्मा किसी ऐसे मोड़ पर पहुँचती है जहाँ वह ईश्वर के साथ पुनः संपर्क बनाती है, तो वह उस मिलन को आँसुओं के रूप में प्रकट करती है।

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